उसने लागत को कम करने के लिए कंपनी ने छंटनी का रास्ता अपनाया है.
बीते 6 माह में मिली इस दमदार फंडिंग के चलते कई भारतीय स्टार्टअप्स (Indian Startups) की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर या उसके भी पार चली गई है.